BANKELAL AUR CHOR KHOPDI
Printed
Code: GENL-0442-H
Pages: 32
ISBN: 9788184918489
Language: Hindi
Colors: Four
Author: Tarun Kumar Wahi
Penciler: Bedi
Inker: N/A
Colorist: N/A
Paper: Plain
Condition: Fresh
Price: Printed
Description
विशालगढ़ की खोज में भटकते बांकेलाल और राजा विक्रम सिंह का अंगविकार शाप से अभी पीछा नहीं छूटा था कि संकट बनकर आ गया चड्डी पुर का राजा बनियान, जिनको खोज थी खोपड़ी चोर की बांकेलाल और विक्रम सिंह को ही समझ लिया गया खोपड़ी चोर और उन्हे नाक से पकड़ कर कैद मे डाल दिया गया। बांकेलाल अपमान से जल उठा। किन्तु तभी राजा बनियान की भी हो गई खोपड़ी चोरी! अब विक्रम सिंह या बांकेलाल की खोपड़ी राजा की कटी खोपड़ी के स्थान पर लगाई जानी थी ऋषि भंगेड़ी के शाप से विक्रम सिंह की खोपड़ी तो हो गई गायब। अब बचा बेचारा बांकेलाल। हुण फेर बांके लाल दा की होऊ!