
first duo of dhruva and doga it is one of the best two in one comics ever this is an epic comic everyone should have it highly recommendedKamal Satyani
सन 2000 में निशाचर की कहानी में जॉली जी ने जिस पारलोकिक परिवेश में पहली बार ध्रुव और डोगा को एक दुसरे के साथ पहली बार दिखाया है वो काफी अलग बात है क्यूंकि ध्रुव और डोगा की कॉमिक्स में सामान्य तौर पर पारलोकिक परिवेश की नहीं होती हैं. कॉमिक्स की दो चीज मुझे काफी अच्छी लगी पहली तो बाइबिल द्वारा निशचार को पीछे धकेलना क्यूंकि जीसस भी परमेश्वर पिता का रूप हैं और उनका क्रॉस और बाइबिल देख बड़े बड़े भूत,पिशाच भाग जाते हैं(वैसे में हिन्दू हूँ). दूसरी बात मुझे ये अच्छी लगी की डोगा के हिंसक रूप को निशचार के आजाद होने की वजह बता कर हिंसा की भर्त्सना की गयी है.
चित्रांकन में विशेषता ये रही की ध्रुव को उसके विशेषज्ञ अनुपम जी ने और डोगा को उसके विशेषज्ञ मनु जी ने बनाया है इस कारण चित्रांकन में एक नवीनता है.ध्रुव की चमगादड़ से लड़ाई अच्छी दिखाई गयी है और ध्रुव vs डोगा के एक्शन सीन्स भी बड़े जानदार हैं.
आखिर अनुपम और मनु जी ने सामान रूप से मेहनत जो की है. पुलिस और गैंगस्टर की लड़ाई भी अच्छे ढंग से प्रदर्शित की गयी है,उसमे धमाको के दृश्य अच्छे बने हैं.
जॉली जी ने अंत में बड़ी सुन्दरता से ध्रुव के दिमाग और डोगा की ताकत को समांतर करके कहानी को अंत किया है जो काफी अच्छा लगा
8.5/10
sachin dubey
Nishachar is again one of the classics from Golden-era. A first time Doga-Dhruva Combo. A very powerful villain who is the incarnation of the evil itself, has returned from death. His mere presence induces evil in the world. And he is capable of absorbing sin and multiplying it. With only Lori to aid, would the heroes be able to defeat him or they perish in the whirls of sin.Ankur Kaushik